sukh kise kahte hai?
एक गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। उसका स्वभाव बहुत ही खराब था। वह किसी से भी सीधे मुंह बात नहीं करता था। उससे कोई भी मिले वह हमेशा ही शिकायत ही करता। किसी से भी प्यार भरे दो बोल नहीं बोलता था। वह हमेशा ही दूसरों को भला बुरा ही कहता था। गांव वाले भी उससे कंटाल गए थे, लेकिन वह भी क्या करते? लोगों ने उसको इग्नोर करना शुरु कर दिया। मगर फिर भी वह बुड्ढा आदमी समझ नहीं पा रहा था। 1 दिन गांव वालों ने यह नोटिस किया कि अब वह आदमी काफी बदल चुका है। अब वह सबसे प्यार से बात करता है। उसको देख कर सबको उससे बात करने का मन होता है। और उसके चेहरे पर भी एक अलग ही खुशी दिखाई देती है। गांव वालों ने उससे पूछा,
दोस्तों सुख की एक खासियत है, कि आप उसको जितना भी ढूंढोगे वह आपसे उतना ही दूर भागेगा। आप उसको ढूंढना बंद करें। जो भी जीवन में मिले उसको फुल एंजॉय कीजिए, जो नहीं मिलता है उसके लिए कोशिश जरूर करें, मगर यदि ना मिले तो उसका अफसोस भी ना करें। मगर जो आपके पास है उसकी इज्जत करें और अपने जीवन को खुश होकर जीए। विश्वास कीजिए आपके पास पैसा नहीं भी होगा मगर आपके पास सुख की कमी नहीं होगी यदि आप सुख को बाहर नहीं अपने भीतर ढूंढेगे तो। क्योंकि सुख बाहर नहीं किंतु आपके भीतर ही है।
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