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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

What is the best gift for women in hindi.

best gift for women   अभी अभी women's day गया। कई हफ्तों पहले women's डे के लिए तरह तरह की offers शुरू थी। पूरी दुनिया में news room से लेकर social media तक women's day की धूम मच रही थी। ऐसा लगता था की औरतो की लोग कितनी इज़्ज़त करते हैं ? उस दिन whats app, Facebook, twitter में भी दुनिया की बड़ी बड़ी हस्तियों ने सभी महिलाओ को wish किया। उनके अधिकारों की बात करि। उनके काम को सराहा। उस दिन ऐसा लग रहा था की औरतो के साथ सभी खड़े है। लोग कितना सन्मान करते है महिलाओ का ? हमारा समाज कितना सजग है औरतो के अधिकारों के प्रति ?  देवी, दुर्गा, घर की रीढ़ की हड्डी और पता नहीं क्या क्या शब्दों से औरतो को नवाजा गया था। सच में उस दिन एक औरत होने पर गर्व होता था।  ये सारे मैसेज पढ़कर ख़ुशी होती थी की, हम औरतो के लिए लोगो के दिल में कितनी इज़्ज़त है ? तभी मेरी नज़र एक और न्यूज़ पर पड़ी और मेरी साडी ख़ुशी, सारा गर्व एक पल में ही गुम हो गया। वो न्यूज़ थी आयशा आरिफ खान की। जिसने शादी के महज दो साल में खुदखुशी कर ली।  यहाँ पर हम उस की स्टोरी की बात बिलकुल ही नहीं करेंगे। क्योकि सब ने सुनी और देखि हुए है। यहाँ प

parenting tips -3l baaz se sikhe parenting tips

Successful parenting.   दोस्तों, हम सब को लगता है की आज के ज़माने में हमारा जीवन बहुत ही सरल और आसान हो गया है। अगर देखा जाये तो ये बात सच भी है। पहले के ज़माने में १०-१२ किलोमीटर जाने के लिए भी पूरा दिन निकल जाता था। उसकी तैयारी महीनो पहले किया करते थे। तब जा के कही हम १० से १२ किलोमीटर का सफर तय कर पाते थे।  आज कल हम लाखो किलोमीटर का सफर चुटकियो में तय कर लेते है, वो भी बड़े ही आराम से। सिर्फ मुसाफरी में ही नहीं पर हमारी लाइफ हर तरह पहले के लोगो से ज्यादा आरामदायी हो गई है। वो चाहे खाना बनाना हो, चाहे खेतीबाड़ी हो हर तरह के उपकरण मौजूद है जिस से हम हर काम आराम से और बहुत ही कम समय में कर सकते है।  ये बात जितनीसच है उतनी ही एक और बात भी सच है की, आज चाहे जितनी ही आरामदायी जीवन हम क्यों न जिए, पर पहले के लोगो के मुकाबले हम लोग ज्यादा दुखी है। पहले लोग पूरा दिन खेत में या कही भी काम कर के थक कर घर पे आते थे और खाना खा कर आराम से सो जाते थे। तब नहीं आरामदायी कमरे थे, न ही आरामदायी गद्दे, A.C. तो छोड़ो पंखे तक नहीं होते थे। फिर भी वो जितनी सुकून की नींद सोते थे उतनी आज हम महल जैसे घरो में नहीं