पुरानी साड़ियों के बदले बर्तनों के लिए मोलभाव करती संपन्न घर की महिला ने अंततः दो साड़ियों के बदले एक टब पसंद किया। नहीं दीदी, बदले में 3 साड़ियों से कम तो नहीं लूंगा बर्तन वाले ने टब को वापस अपने हाथ में लेते हुए कहा। अरे भैया, एक-एक बार की पहनी हुई तो है, बिल्कुल नई जैसी। एक टब के बदले में तो यह भी ज्यादा है। मैं तो फिर भी दो दे रही हूं। नहीं, नहीं तीन से कम में तो नहीं हो पाएगा, बर्तन वाला फिर बोला। एक दूसरे को अपनी पसंद के सौदे पर मनाने की इस प्रक्रिया के दौरान गृह स्वामिनी क घर के खुले दरवाजे पर देखकर सहसा गली से गुजरते अर्ध विक्षिप्त महिला ने वहां जाकर खाना मागा। आदतन हिकारत से उठी महिला की नजरें उस महिला के कपड़ों पर गई। अलग-अलग कतरनो को गांठ बांधकर बनाई गई उसकी साड़ी उसके युवा शरीर को ढकने का असफल प्रयास कर रहे थे। एक बार उसने मुंह बिचकाया पर सुबह-सुबह की याचक है, यह सोकर अंदर से रात की बची हुई रोटियां मंगवाई और उसे रोटी देकर पलटते हुए उसने बर्तन वाले से कहा, भैया क्या सोचा दो साड़ियों में दे रहे हो या मैं वापस रखलू बर्तन वाले ने उसे इस बार चुपचाप टब पकड़वा दिया पर अपना गट्ठर बांधकर बाहर निकला। अपनी जीत पर मुस्कुराती हुई महिला दरवाजा बंद करने को उठी तो सामने नजर गयी। गली के मुहाने पर बर्तन वाला अपना गट्ठर खोल कर उसकी दो साड़ियों में से एक साड़ी अर्ध विक्षिप्त महिला को दे रहा था। हाथ में पकड़ा हुआ टब अब उसे चुभता हुआ सा महसूस हो रहा था।
दोस्तों अच्छा काम करने के लिए हैसियत नहीं बड़ा दिन होना चाहिए। कुछ करने की ललक होनी चाहिए। तभी हम जीवन में अच्छा कार्य कर सकते हैं।
यह करोना काल में हमने देखा कई ऐसे लोग हैं जिसके बैंक बैलेंस में करोड़ों रुपया हैं मगर फिर भी ₹1 भी किसी को दे नहीं पाता, उसकी वजह से लोग भी है जो रोज कमाते हैं और रोज का खाते हैं मगर फिर भी उनसे जितनी हो सके दूसरों की सेवा करते थे। आपके पास क्या है कितना है या कोई मायने नहीं रखता मगर आपकी सोच क्या है वह मायने रखती है। और यह चीज वही समझ सकता है जो इन परिस्थितियों से गुजरा हो।
इसलिए यदि आपके पास से कुछ अच्छा कार्य करने के ललक हो, तो यह मत सोचिए कि मेरे पास इतना रुपया आएगा या फिर मैं इतना सफल बनने के बाद में अच्छा कार्य करूंगा। अच्छा कार्य करने के लिए मैं पैसों की आवश्यकता है ना पैसों की आवश्यकता है और ना ही सक्सेस की उसके लिए आवश्यकता है अच्छा कार्य करने की ललक की।
और क्या पता किसी का अच्छा कार्य करते करते हैं आपके जीवन में भी अच्छा समय आ जाए। भगवान भी उसी को देता है जिसका दिल बड़ा होता है, जो दूसरों को दे पाता है। इसलिए हमेशा अपना दिल बड़ा रखें और जब भी मौका मिले कि किसी के लिए काम आए, तब ना ही अपनी हैसियत देखो और ना ही सामने वाले की, बस अच्छा कार्य करते रहो तभी हमारा जीवन सुखमय होगा।
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