कड़ी मेहनत हमेशा भुगतान करती है
नारियल के पेड़ बड़े ही ऊँचे होते हैं और देखने में बहुत सुंदर होते हैं। एक बार एक नदी के किनारे नारियल का पेड़ लगा हुआ था। उस पर लगे नारियल को अपने पेड़ के सुंदर होने पर बहुत गर्व था। सबसे ऊँचाई पर बैठने का भी उसे बहुत मान था। इस कारण घमंड में चूर नारियल हमेशा ही नदी के पत्थर को तुच्छ पड़ा हुआ कहकर उसका अपमान करता रहता।
एक बार, एक शिल्प कार उस पत्थर को लेकर बैठ गया और उसे तराशने के लिए उस पर तरह – तरह से प्रहार करने लगा। यह देख नारियल को और अधिक आनंद आ गया उसने कहा – ऐ पत्थर ! तेरी भी क्या जिन्दगी हैं पहले उस नदी में पड़ा रहकर इधर- उधर टकराया करता था और बाहर आने पर मनुष्य के पैरों तले रौंदा जाता था और आज तो हद ही हो गई। ये शिल्पी तुझे हर तरफ से चोट मार रहा हैं और तू पड़ा देख रहा हैं। अरे ! अपमान की भी सीमा होती हैं | कैसी तुच्छ जिन्दगी जी रहा हैं। मुझे देख कितने शान से इस ऊँचे वृक्ष पर बैठता हूँ। पत्थर ने उसकी बातों पर ध्यान ही नहीं दिया | नारियल रोज इसी तरह पत्थर को अपमानित करता रहता।
कुछ दिनों बाद, उस शिल्पकार ने पत्थर को तराश कर भगवान की मूर्ति बनाये और पूर्ण आदर के साथ उनकी स्थापना मंदिर में की गई। पूजा के लिए नारियल को पत्थर के बने उन भगवान की मूर्ति के चरणों में चढ़ाया गया।
इस पर पत्थर ने नारियल से बोला – नारियल भाई ! कष्ट सहकर मुझे जो जीवन मिला उसे ईश्वर की प्रतिमा का मान मिला। मैं आज तराशने पर ईश्वर के समतुल्य माना गया। जो सदैव अपने कर्म करते हैं वे आदर के पात्र बनते हैं। लेकिन जो अहंकार/ घमंड का भार लिए घूमते हैं वो नीचे आ गिरते हैं। ईश्वर के लिए समर्पण का महत्व हैं घमंड का नहीं। पूरी बात नारियल ने सिर झुकाकर स्वीकार की जिस पर नदी बोली इसे ही कहते हैं घमंडी का सिर नीचा।
याद रखिये बिना तरासे याने बिना कड़ी महेनत करे कोई भी सफल नहीं हो सकता। आप को जितनी ज्यादा सफलता अपने जीवन में पाना चाहते हो उतनी ही ज्यादा महेनत आपको करनी होगी। मगर याद रहे वो महेनत आपको सफल होने के लिए करनी है, नाकि दूसरे को निचा दिखने के लिए। यदि आप जीवन में सफलता चाहते हो तो चुनौतियों से मत घबराना। उस दौरान हो सकता है की जो आपसे ऊपर बैठे हो यानि जीवन में बिना कुछ किये ही सबकुछ जिसको मिल गया हो वो आप पे हसे, आपका मजाक उड़ाए किन्तु उनको इग्नोर करना। उनसे न घबराना ना। और जब आप तराश के पत्थर में से मूरत बन जाओगे यानि की जब आप सफल हो जाओगे तब यही लोग आपकी तारीफ करते नहीं थकेंगे।
मित्रों, हम घमंड करके स्वयं अपनी छवि का अपमान करते हैं। घमंड मनुष्य जीवन के लिए एक शत्रु की तरह हैं जो हमेशा उसके लिए विनाश का मार्ग बनाता हैं।
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