How to be a best parents दोस्तों, जब बच्चे का जन्म होता है तब बच्चा एक अबोध और मासूम होते है। उसको सच या झूठ का, गलत-सही का कुछ भी ज्ञान नहीं रहता। पहले के समय में ये कहा जाता था की १० वर्ष की आयु तक बच्चा जो भी करता है उसका कर्म फल नहीं बंधता। क्योकि बच्चा अबोध होता है। वो निर्मल होता है। उसको समज ही नहीं होती है। अब यहाँ पर प्रश्न ये उठता है की यदि बच्चा अबोध होता है तो वो झूठ बोलना कैसे सीखता है ? आज कल के बच्चे तो बहुत ही कम आयु में या ये कहे की शुरू से ही झूठ बोलना चालू कर देते है। जब की हम सब बच्चो को यही सिखाते है की झूठ नहीं बोलना चाहिए। ये गलत है। हमें पाप लगता है। वगेरा.. वगेरा.... दोस्तों हम चाहे माने या न माने पर बच्चे झूठ बोलना घर से ही सिखाते है। उसमे भी सबसे ज्यादा अपने माता-पिता से ही सिखते है। हम ही आने अनजाने में बच्चोकोझूठ बोलना सिखाते है। यहाँ पर मैं कुछ सीन दिखती हूँ। इस से मेरी बात और भी जायदा स्पष्ट हो जाएगी। Scene 1 सोचिये यदि हमारा जाने का प्रोग्राम है और इसी समय कोई friend या relative हमारे यहाँ आने के लिए कॉल करते है। तब हम क्या करते है ? ज्यादा