How to be a best parents
दोस्तों, जब बच्चे का जन्म होता है तब बच्चा एक अबोध और मासूम होते है। उसको सच या झूठ का, गलत-सही का कुछ भी ज्ञान नहीं रहता। पहले के समय में ये कहा जाता था की १० वर्ष की आयु तक बच्चा जो भी करता है उसका कर्म फल नहीं बंधता। क्योकि बच्चा अबोध होता है। वो निर्मल होता है। उसको समज ही नहीं होती है।
अब यहाँ पर प्रश्न ये उठता है की यदि बच्चा अबोध होता है तो वो झूठ बोलना कैसे सीखता है ? आज कल के बच्चे तो बहुत ही कम आयु में या ये कहे की शुरू से ही झूठ बोलना चालू कर देते है। जब की हम सब बच्चो को यही सिखाते है की झूठ नहीं बोलना चाहिए। ये गलत है। हमें पाप लगता है। वगेरा.. वगेरा....
दोस्तों हम चाहे माने या न माने पर बच्चे झूठ बोलना घर से ही सिखाते है। उसमे भी सबसे ज्यादा अपने माता-पिता से ही सिखते है। हम ही आने अनजाने में बच्चोकोझूठ बोलना सिखाते है।
यहाँ पर मैं कुछ सीन दिखती हूँ। इस से मेरी बात और भी जायदा स्पष्ट हो जाएगी।
Scene 1
सोचिये यदि हमारा जाने का प्रोग्राम है और इसी समय कोई friend या relative हमारे यहाँ आने के लिए कॉल करते है। तब हम क्या करते है ? ज्यादा तर लोग उस समय झूठ ही बोलते है की हमारी तबियत ठीक नहीं है या कुछ और झूठ। पर हम सच नहीं बताते की हमें बाहार जाना है। और यर झूठ बच्चो के सामने बेधड़क बोलते है।
Scene 2
इसी तरह से यदि हमें office जाने का मूड नहीं होता है, तो हम अपनी family member की तबियत का बहाना भी बना देते है। कई बार तो बच्चो को call कर के जूठ बोलने को कहते है। क्या ये हमारे घरो में आम बात नहीं है ?
Scene 3
हम कही बहार शॉपिंग करने जाते है। उस समय हम किसी दुकानदार को ये कहकर भाव काम करने की कोशिश करते है की, सामने तो १०० की जगह ५० रुपये में देते है। जब की ऐसा कुछ नहीं होता बल्कि वह पर यहाँ से १०-२० रुपये ज्यादा ही बताया था। उस समय भी बच्चे हमारे पास होते है, वो ये सब देखते और सुनते है। और यही से शुरू होता है झूठ बोलने का सिलसिला।
ये सारी और ऐसी कई बाते हमारे घरो में इतनी आम है की उसकी और हमारा ध्यान ही नहीं जाता। हमें लगता ही नहीं के ये झूठ है। इस झूठ को हमने अपनी life का हिस्सा इस तरह बनाया है की अब ये सरे झूठ हमें झूठ लगते ही नहीं।
आज कल तो किसी को झूठ बोलकर उल्लू बनाना को smart कहा जाता है। आप जितना ज्यादा झूठ बोल कर किसी का विश्वासघात करेंगे उतनी ही आप की इज़्ज़त समाज में और बढ़ेगी। आज कल हर माता-पिता ये चाहता है की उसका बच्चा सबसे smart (झूठा) बने। हम खुद इसलिए बच्चो को coaching देते है।
डर की वहज से बच्चे झूठ बोलना सिखते है।
उस coaching का जब तक बच्चा दुसरो पर use करे तब तक ठीक है। पर जब हमें पता चलता है की बच्चा हमसे जूथ बोलै है तब हम उसको साजा देते है। उसका नतीजा ये होता है की बच्चा उस सजा से बचने के लिए बार बार झूठ का सहारा लेता है। बच्चे की झूठ बोलने का सबसे बड़ा कारण उसका डर होता है।
कई बार हम बच्चो को उनकी छोटी सी गलती के लिए सबके सामने डाट देते है। जिन से बच्चो को बहोत ही शर्मिंदगी होती है। हमें लगता है की, बच्चे को कुछ पता नहीं चलता। पर उनको भी अपनी self respect होती है। बार बार ऐसा होने से वो उस शर्मिंदगी से बचने के लिए झूठ का सहारा लेते है।
मेरी एक friend है। उसने मुझसे ये बात शेयर करी है। आज कल कोरोना के चलते online class चल रहे है। उस दौरान उसने देखा की, उसके बच्चे की class teacher सभी बच्चो को उसकी छोटी छोटी गलती के कारन सब के सामने सुनाया करती थी। यदि ५ minutes late हो गए, या उसके पूछने पर un mute करने में कुछ देर हो जाती तो बच्चो को बहुत ही बुरी तरह से सुनाया करती थी।
उन सब बातो का ये असर हुआ की उसका बच्चा छोटी सी गलती होने पर भी झूठना चालू कर दिया। उसको ये डर रहता था की कही उसकी teacher उसको सबके सामने डाट न दे। वो बच्चा कोई बड़ा नहीं है पर अभी वो K.G. 2 में है।
ये एक EXAMPLE ही काफी है बच्चे की मानसिकता को जानने के लिए।
कई बार बचो को पता भी नहीं है की वो झूठ बोल रहा है। उस समय उसको डाट ने से या उसको सज़ा देने से उसकी मानसिकता पर बहुत ही गलत असर पड़ता है। उसका confidence low होता है। वो अपने आप को गुनेगार समझने लगता है। वो बच्चा अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता।
बच्चे को झूठ बोलने से कैसे रोके ?
इसलिए parents को ये चाइये की वो अपने बच्चो को डाट ने से पहले समझने की कोशिश करे की वो झूठ क्यों बोल रहा है ? यदि हम ये समजे तो मैं दावे के साथ कह सकती हु की उसकी जड़ कही न कही हम ही होंगे। हमें देख कर या हम से डर कर ही बच्चा झूठ बोलता होगा।
याद रहे एक आदर्शबच्चा एक आदर्श parents से ही मिलता है। हम अपनी छोटी छोटी स्वार्थ पूर्ति करने के लिए बोल रहे छोटे छोटे झूठ अपने बच्चो में डाल रहे है।
झूठ बोलने की जगह यदि हम सच बोल दे की अभी हमें बहार जाना है। तो हो सकता ही की हमारे friend या relative को बुरा लगे पर हमारे बच्चो पर उसका एक positive असर जरूर होगा। २५-५० रूपया यदि न बचे तो कोई बात नहीं पर हमारे बच्चे की मानसिकता जो होगी वो अनमोल होगी।
झूठ बोल कर हम किसी और को उल्लू नहीं बना रहे पर अपने आप को ही उल्लू बनाते है। क्योकि आपके जूथ के कारन कोई एक बार उल्लू बनेगा, पर आप के ऊपर का विश्वास वो हमेशा के लिए खो बैठेगा। तो नुकसान किसको है ये ज़रा सोच लीजियेगा।
बच्चे को झूठा नहीं बल्कि talented बनाये। उसके उपर विश्वास रखे। उसको ये अहसास दिलाये की उसकी गलती एक गलती है कोई जुर्म नहीं। आप उसके साथ हमेशा है। ये विश्वास बच्चे को हमेशा झूठ बोलने से रोकेगा।
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