सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Ram katha.

अनकही रामकथा। 

ramayan, siyaram, ram katha,


 श्री रामजी अपार गुणों के समुद्र हैं, क्या उनकी कोई थाह पा सकता है? संतों से मैंने जैसा कुछ सुना था, वही आपने सुना है, वही आपको सुना रहा हुं। 


राजा जनक के शासनकाल में एक व्यक्ति का विवाह हुआ। जब वह पहली बार सज सँवरकर ससुराल के लिए चला, तो रास्ते में चलते चलते एक जगह उसको दलदल मिला, जिसमें एक गाय फँसी हुई थी, जो लगभग मरने के कगार पर थी। 


उसने विचार किया कि गाय तो कुछ देर में मरने वाली ही है तथा कीचड़ में जाने पर मेरे कपड़े तथा जूते खराब हो जाएँगे, अतः उसने गाय के ऊपर पैर रखकर आगे बढ़ गया। जैसे ही वह आगे बढ़ा गाय ने तुरन्त दम तोड़ दिया तथा शाप दिया कि जिसके लिए तू जा रहा है, उसे देख नहीं पाएगा, यदि देखेगा तो वह  मृत्यु को प्राप्त हो जाएगी। 


वह व्यक्ति अपार दुविधा में फँस गया और गौ शाप से मुक्त होने का विचार करने लगा। 


ससुराल पहुँचकर वह दरवाजे के बाहर घर की ओर पीठ करके बैठ गया और यह विचार कर कि यदि पत्नी पर नजर पड़ी, तो अनिष्ट नहीं हो जाए। परिवार के अन्य सदस्यों ने घर के अन्दर चलने का काफी अनुरोध किया, किन्तु वह नहीं गया और न ही रास्ते में घटित घटना के बारे में किसी को बताया। 


उसकी पत्नी को जब पता चला, तो उसने कहा कि चलो, मैं ही चलकर उन्हें घर के अन्दर लाती हूँ। पत्नी ने जब उससे कहा कि आप मेरी ओर क्यों नहीं देखते हो, तो भी चुप रहा। काफी अनुरोध करने के उपरान्त उसने रास्ते का सारा वृतान्त कह सुनाया। पत्नी ने कहा कि मैं भी पतिव्रता स्त्री हूँ। ऐसा कैसे हो सकता है? आप मेरी ओर अवश्य देखो। 


पत्नी की ओर देखते ही उसकी आँखों की रोशनी चली गई और वह गाय के शापवश पत्नी को नहीं देख सका। 


पत्नी पति को साथ लेकर राजा जनक के दरबार में गई और सारा कह सुनाया। राजा जनक ने राज्य के सभी विद्वानों को सभा में बुलाकर समस्या बताई और गौ शाप से निवृत्ति का सटीक उपाय पूछा। 


सभी विद्वानों ने आपस में मन्त्रणा करके एक उपाय सुझाया कि, यदि कोई पतिव्रता स्त्री छलनी मे गंगाजल लाकर उस जल के छींटे इस व्यक्ति की दोनों आँखों पर लगाए, तो गौ शाप से मुक्ति मिल जाएगी और इसकी आँखों की रोशनी पुनः लौट सकती है। 


तो राजा ने आस पास के सभी राजाओं को सूचना भेजी कि उनके राज्य में यदि कोई पतिव्रता स्त्री है, तो उसे सम्मान सहित राजा जनक के दरबार में भेजा जाए। 


जब यह सूचना राजा दशरथ (अयोध्या नरेश) को मिली, तो उसने पहले अपनी सभी रानियों से पूछा। प्रत्येक रानी का यही उत्तर था कि राजमहल तो क्या आप राज्य की किसी भी महिला यहाँ तक कि झाडू लगाने वाली, जो कि उस समय अपने कार्यों के कारण सबसे निम्न श्रेणि की मानी जाती थी, से भी पूछेंगे, तो उसे भी पतिव्रता पाएँगे। 


राजा दशरथ को इस समय अपने राज्य की महिलाओं पर आश्चर्य हुआ और उसने राज्य की सबसे निम्न मानी जाने वाली सफाई वाली को बुला भेजा और उसके पतिव्रता होने के बारे में पूछा। उस महिला ने स्वीकृति में गर्दन हिला दी। 


तब राजा ने यह दिखाने कर लिए कि अयोध्या का राज्य सबसे उत्तम है, उस महिला को ही राज सम्मान के साथ जनकपुर को भेज दिया। राजा जनक ने उस महिला का पूर्ण राजसी ठाठ बाट से सम्मान किया और उसे समस्या बताई। महिला ने कार्य करने की स्वीकृति दे दी। 


महिला छलनी लेकर गंगा किनारे गई और प्रार्थना की कि, ‘हे गंगा माता! यदि मैं पूर्ण पतिव्रता हूँ, तो गंगाजल की एक बूँद भी नीचे नहीं गिरनी चाहिए।’ प्रार्थना करके उसने गंगाजल को छलनी में पूरा भर लिया और पाया कि जल की एक बूँद भी नीचे नहीं गिरी। 


राजा और दरबार में उपस्थित सभी नर नारी यह दृश्य देख आश्चर्यचकित रह गए तथा उस महिला को ही उस व्यक्ति की आँखों पर छींटे मारने का अनुरोध किया और पूर्ण राजसम्मान देकर काफी पारितोषिक दिया। 




जब उस महिला ने अपने राज्य को वापस जाने की अनुमति माँगी, तो राजा जनक ने अनुमति देते हुए जिज्ञाशावश उस महिलाo से उसकी श्रेणी के बारे में पूछा। महिला द्वारा बताए जाने पर, राजा आश्चर्यचकित रह गए।


सीता स्वयंवर के समय यह विचार कर कि जिस राज्य की सफाई करने वाली इतनी पतिव्रता हो सकती है, तो उसका पति कितना शक्तिशाली होगा?


यदि राजा दशरथ ने उसी प्रकार के किसी व्यक्ति को स्वयंवर में भेज दिया, तो वह तो धनुष को आसानी से संधान कर सकेगा और कहीं राजकुमारी किसी निम्न कार्य श्रेणी के व्यक्ति को न वर ले, अयोध्या नरेश को राजा जनक ने निमन्त्रण नहीं भेजा था 


फिर आगे की घटना तो आप जानते ही हैं अयोध्या के राजकुमार वन में विचरण करते हुए अपने गुरु के साथ जनकपुर पहुँच ही गए और धनुष तोड़कर राजकुमार राम ने सीता को वर लिया। 

 जय श्री राम ।।


सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:🙏🏻

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai / रिश्ता किसे कहते हैं ?

  रिश्ता किसे कहते हैं ?/rishta kise kahate hain. rishte ehsas ke hote hain दोस्तों, आज कल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' फेम दिव्या भटनागर बहुत चर्चा में है। उसकी मौत तो covid 19 के कारन हुई है।  लेकिन उसके परिवार और friends के द्वारा उसके पति पर उनकी मौत का इल्जाम लगाया जा रहा है। ( हम यहाँ किसी पर भी आरोप नहीं लगाते, ये एक जांच का विषय है। )  ऐसा ही कुछ सुंशांत सिंह राजपूत के मौत के वक्त भी हुआ था। उनके मृत्यु के बाद उनके परिवार और friends ने भी ऐसे ही किसी पर आरोप लगाया था। उनकी मौत का जिम्मेदार माना था।  इनकी स्टोरी सच है या क्या जूठ ये हम नहीं जानते, न ही हम उसके बारे में कोई discussion करेंगे।  मगर ये सुनने के बाद एक विचार मेरे मन में ये सवाल उठा की ये हो-हल्ला उनकी मौत के बाद ही क्यू ? उनसे पहले क्यों नहीं? अब ऐसा तो नहीं हो सकता की उनके रिश्तेदारों को इस चीज़ के बारे में बिलकुल पता ही न हो?  ये बात केवल दिव्या भटनागर या सुशांत सिंह राजपूत की ही नहीं है। ये दोनों की story तो इसलिए चर्चा में है, क्योकि ये दोनों काफ़ी successful हस्तिया थी।  मगर हमने अपने आसपास और समाज में भी ऐ

True success in life (जिस थाली में खाना उसी में छेद करना )

m   जिस थाली में खाना उसी में छेद करना  सं सद से ले के हर गली चौराहे पर ये मुहावरा बड़ा प्रचलित हो रहा है। जिसका कारण है हमारे लीजेंड जया बच्चनजी। (मैं यहाँ किसी का समर्थन या असमर्थन नहीं करती ) संसद में उनका बयांन सुनने और न्यूज़ चैनल में डिबेट सुनने के बाद मैं यही सोचती रही की, अगर इस प्रचलित मुहावरे लोकोक्तियों  का असली मतलब निकलना हो तो क्या निकाल सकते है?   इसका सिंपल सा अर्थ होता है की जिसके कारण आप success हुए है उसको बदनाम करना। मगर अब सोच ने की बात ये है की जीस संस्था या  इंडस्ट्रीज़  के द्वारा आप सफल हुए हो। जिसके कारन आपकी एक success images बानी हो। उसको कोई नुकसान पहुंचाए उस समय गलत को गलत कहे ना थालीमें छेद करना होगा या चुप चाप उस संस्था को या उस  इंडस्ट्रीज़  को बर्बाद होता देखना थाली में छेद करना होगा? क्योकि अगर देखा जाये तो दोनों को ही थाली में छेद करना ही कहेंगे।  तो क्या करे? उसको एक बहुत ही सिंपल way मैं अगर समजे तो मान लीजिये आपका एक भरा पूरा परिवार है। उसमे एक भाई दूसरे भाई का बुरा करता है, मगर जो भाई दूसरे का बुरा करता है ऊसके आपके साथ सम्बन्थ बहुत ही अच्छे है और ज

5 Tips Life me Khush Kaise Rahe In Hindi

   life me khush rehne ke tarike/ happy life tips in hindi दोस्तों, जब से ये दुनिया बनी है तब से आदमी की एक ही इच्छा रही है के वे अपने जीवन में हमेश खुश रहे। चाहे वो पाषाण युग हो या आजका 21st century हो। हमारा हर अविष्कार इसी सोच से जन्मा है। चमच्च से ले कर रॉकेट तक हमने इसीलिए बनाये है ताकि हम अपने जीवन में खुश रहे।  आज 21st century में तो हमारे जीवन को आसान और खुश रखने के लिए  gadgets की तो मानो बाढ़ सी आ गयी है। चाहे घर का काम हो या ऑफिस का चुटकि बजा कर हो जाता है। घर बैठे मिलो दूर अपने अपनों से न केवल बात कर सकते है मगर उसको देख भी सकते है।  आज internet ने अपना साम्राज्य इस कदर फैलाया है की, दुनिया के किसी भी कोने में क्या हो रहा है वो आप दुनिया के किसी भी कोने में बेठ कर देख सकते है। आज से पहले इतनी सुविधा कभी पहले नहीं थी। हर बात में आज का युग advance है।  शायद ही ऐसा कोई मोर्चा हो जहा पर हम ने तरक्की न करी हो। पर अब सवाल ये उठता है की इतनी तरक्की करने के बाद क्या हमने वो हासिल किया है जिसके लिए हमने इतनी तरक्की करी है? आज हमारे पास सबसे बढ़िया गाड़ी है, घर है, कपडे है, घडी है, जुते