एक बार एक शिष्य अपने गुरु से एक प्रश्न पूछता है, 'हे गुरुजी हमारे जीवन की कीमत क्या है?' गुरु जी थोड़ा सा मुस्कुराए और उसने एक लाल पत्थर उसको दिया और कहा कि यह बाजार में जाकर उसकी सही कीमत क्या है यह पता करो और याद रखना उसको बेचना नहीं है पर उसको सही कीमत क्या है वही पता करना है। वह शिष्य बाजार गया। सबसे पहले उसने एक फल वाले को देखा और उसको वह लाल पत्थर बताया और ‘पूछा इसकी कीमत क्या है?’ उसने पत्थर को देखा और कहा कि ‘पत्थर की तो मैं क्या कीमत दू? पर यदि तुम लाये हो तो मैं दो तीन फल दे दूंगा।‘ शिष्य ने पत्थर वापस लिया फिर वह सब्जी वाले के पास गया। सब्जी वाले ने पत्थर को देखा और कहा, ‘इसकी कोई कीमत नहीं है। यदि तुम लाए हो तो मैं तुम्हें 1 किलो आलू दे देता हूॉ’ फिर वह सुनार के पास जाता है। और सुनार से पूछता है, 'इसकी कीमत क्या है?' सुनारने पत्थर को देखा और थोड़ी देर बाद उसने कहा कि, 'मैं उसके तुम्हे 15 लाख रुपया देता हूं।' यह सुनकर वह बहुत आश्चर्यचकित रह गया और उसने कहा, 'ठीक है मैं बाद में आऊंगा' कहके वह चला गया। क्योंकि गुरु जी ने कहा था कि उसको बेचना ...