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दिसंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

3 life lessons learned from Covid-19 In Hindi/corona kal

  what we can learn from coronavirus things we have learned from covid-19 दोस्तों, २०२० ख़तम हो चुका और नया साल 2021 आ गया है। आप सब को सबसे पहले HAPPY NEW YEAR। हम सब ये आशा करते है की हमारा नया साल सच में हैप्पी हो। 2020 से अलग हो।  दोस्तों, लगभग हम सभी लोग २०२० से खुश नहीं है। हम सभी ये मानते है की 2020 एक साल हमारा वेस्ट गया। कई ऐसे कटाक्ष जोक्स प्रचलित भी हुए की भगवान को इस एक साल को delete करना चाहिए। इसमें वायरस आ गया है, वगैरा।  कई लोग का हाल सच में बहुत ही बुरा है इस कोरोना काल में। कई लोग की जॉब छूट गई। जिन्हो ने अपना जस्ट business start किया था, उनको बंध करने की नौबत आयी। उनका न केवल पैसा मगर अपने सारे सपने टूट गए।  कई लोगो का सालो से बना बनाय business को बंध कर ने तक की नौबत आयी। मजदूर और गरीब लोगो की हालत तो और भी दयनीय हो गई। उनको तो खाने तक के लाले पड़ गए।  कई लोग रातो रात road परआ गए। ये हालत एक city, एक राज्य या एक देश की नहीं थी। सारी दूनिया की यही हालत थी। दुनिया मानो थम सी गई। क्या हुआ किसी को अब तक समज नहीं आता।   किसी ने नहीं सोचा था की एक ऐसा virus आएगा जिस से एक

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai / रिश्ता किसे कहते हैं ?

  रिश्ता किसे कहते हैं ?/rishta kise kahate hain. rishte ehsas ke hote hain दोस्तों, आज कल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' फेम दिव्या भटनागर बहुत चर्चा में है। उसकी मौत तो covid 19 के कारन हुई है।  लेकिन उसके परिवार और friends के द्वारा उसके पति पर उनकी मौत का इल्जाम लगाया जा रहा है। ( हम यहाँ किसी पर भी आरोप नहीं लगाते, ये एक जांच का विषय है। )  ऐसा ही कुछ सुंशांत सिंह राजपूत के मौत के वक्त भी हुआ था। उनके मृत्यु के बाद उनके परिवार और friends ने भी ऐसे ही किसी पर आरोप लगाया था। उनकी मौत का जिम्मेदार माना था।  इनकी स्टोरी सच है या क्या जूठ ये हम नहीं जानते, न ही हम उसके बारे में कोई discussion करेंगे।  मगर ये सुनने के बाद एक विचार मेरे मन में ये सवाल उठा की ये हो-हल्ला उनकी मौत के बाद ही क्यू ? उनसे पहले क्यों नहीं? अब ऐसा तो नहीं हो सकता की उनके रिश्तेदारों को इस चीज़ के बारे में बिलकुल पता ही न हो?  ये बात केवल दिव्या भटनागर या सुशांत सिंह राजपूत की ही नहीं है। ये दोनों की story तो इसलिए चर्चा में है, क्योकि ये दोनों काफ़ी successful हस्तिया थी।  मगर हमने अपने आसपास और समाज में भी ऐ

31 best success and motivational quotes in hindi

motivational quotes truth of life quotes in hindi दोस्तों, जीवन में सफलता पाने के लिए motivation मिलना बहोत ही जरुरी है। आज कल motivation और सक्सेस पाने के लिए कई classic  भी start हुआ है। अगर मैं अपनी बात करू तो मुझे मोटिवेशन quotes  पढ़ने से मिला है। क्वोट्स एक ऐसा सरल  माध्यम है की बहोत ही कम शब्दों में बहुत ही ग़हरी बात कह देता है,जो आपके दिल में चोट करदेता है।   यहाँ पे  कुछ quotes है जिन्हो ने मुझे जीवन में काफी  motivate किया है।  ये quotes life success quotes है।  होसलो की तरकश में कोशिशों का वो तीर जिन्दा रखो, चाहे हार जाओ जिंदगी में सबकुछ फिर से जितने की उम्मीद जिन्दा रखो। केवल दो लाइन में यहाँ जीवन का सफलता का मंत्र  (success key) दे दीया है। यही quotes की खूबसूरती है। सफल वो ही होता है जो कभी जितने की उम्मीद नहीं छोड़ता, और जितने के लिए 'कोशिशे' करनी पड़ती है। हम कभी एक कोशिश में सफल नहीं होते, उसके लिए कोशिशे करनी पड़ती है। हरिवंशराय बच्चनजी ने सही है, 'कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती।'  जितना बड़ा सपना होगा उतनी बड़ी तकलीफे होगी, जितनी बड़ी तकलीफे होंगी उ

Parenting Tips In Hindi part 1 / बच्चो की हर ज़िद पूरी ना करे।

How to Become Good Parents ? आज से ३० - ३५ साल पहले ( बच्चे की परवरिश कैसे करे?) ये टॉपिक शायद हास्यास्पद होता। पहले हमारे पेरेंट्स शायद ये सोच भी नहीं सकते की बच्चो की परवरिश के लिए कोई प्लानिंग या कुछ सीखना भी होता होगा। बच्चो को बड़ा करने के लिए कोई क्लासिस या कोई टिप्स भी होती होगी। मगर फिर भी उन्होने हमारी परवरिश की और बहोत ही अच्छे से करी।  बिना किसी क्लासिस के, बिना कोई टिप्स के, बिना कोई प्लानिंग उन्होंने हमें जिस तरह बड़ा किया वो हमारे लिए आश्चर्य की बात है। इसका एक reason ये था की उस समय joint family हुआ करती थी, इसलिए बच्चे कोई अनुभवी (दादी,नानी) हाथो से ही बड़े होते थे। तो वो ही परंपरागत तरीके से बच्चो की परवरिश हुआ करती थी। जैसे हमारे माँ -बाप की हुए ऐसी ही परवरिश हमारी भी हुई।   लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज ज़माना काफी बदल गया है। आज हम काफी advance हो चुके है। आज हम हर एक चीज़ की एक प्लानिंग करते हैं। खास कर के जब हम बच्चे की सोचे, क्योकि हम चाहते है की हम अपने बच्चो की अच्छे से अच्छी परवरिश करे। इस के लिए हम हर एक संभव कोशिश करते है। डिलिवरी से लेकर उसकी शादी तक की प्लानिंग हम क

kya bacho ko mobile dena chahiye?

  क्या बच्चो के लिए खतरनाक है मोबाइल? दोस्तों, क्या बच्चो को मोबाइल देना चाहिए? ये सवाल आज के युग का एक बहोत ही बड़ा सवाल है। हर माँ बाप को ये सवाल सताता है की क्या हमें अपने बच्चो को मोबाइल देना चाहिए या नहीं ? इस पर एक लम्बी चौड़ी कभी न ख़तम होने वाली बहेस होती है और होती रहेगी। लेकिन यहाँ कुछ point पर ध्यान देना भी बहुत ही जरुरी है।  सबसे बड़ा सवाल ये है की बच्चो को मोबाइल की क्या जरुरत है? मोबाइल का उपयोग हम आमतौर पर किसी से बाते करने में, अपने ऑफिस वर्क के लिए या लोकशन सर्च के लिए होता है। ये सारे ज़रूरी काम है जो बिना मोबाइल के नहीं हो सकता राइट? तो अब सवाल ये उठता है की बच्चो को मोबाइल क्यों जरुरी है? बच्चो को नहीं किसी से जरुरी बात करनी होती है, और न ही ऐसा कोई काम जो बिना मोबाइल के पूरा न होता हो। बाहर वो हमारे साथ जाता है। पूरा दिन वो स्कूल या collage में अपने friends के साथ  होता है, और यदि  कुछ काम हो तो वो हमारा फ़ोन use कर सकता है। मुझे नहीं लगता की ऐसा कोई एक कारन हो,  जिसकी बजह से हमें अपने बच्चो को उनका खुद का मोबाइल खरीदकर देना पड़े।   दोस्तों, हम अपने बच्चो को मोबाइल क्यों