सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

Everyone Has a Story in Life

  एक  बार एक  अस्पताल में एक ४ -५  साल का लड़का बहुत ही शरारत  कर रहा था। बहुत जोर ज़ोर से चिल्ला रहा था। वह सारी चीज़े इधर उधर कर रहा था। सबको बहुत ही परेशनी हो रही थी।  उसके पापा वही पर थे और वह ये सब देख रहे थे, पर वह कुछ भी उस लड़के को नहीं कह रहे थे। वह चुप चाप सब कुछ देख रहे थे। थोड़ी देर तक सब ने उस लड़के को बरदास किया पर जब सबने देखा के उसके पापा उस लड़के को डाट ना तो दूर,पर उसको कुछ कह भी नहीं रहे थे, तब वहा बैठे लोगो में से एक ने उसके पापा को शिकायत कर ते हुए कहा की, 'आप का लड़का हॉस्पिटल में इतने उत्पात मचाया हुआ है और आप बैठ के केवल देख रखे है? आप उसको कुछ कहते क्यों नहीं है?' यह सुनकर उस लड़के के पापा बोले की, ' भाई साहब में उसे क्या कहु जिसके माँ दो घंटे पहले ही इस दुनिया से चली  गई हो? ये सुन के सब लोग  अवाक् रहे गए और अब उस छोटे से बच्चे के प्रति लोगो की दृस्टि बदल गई ।जो लोग कुछ देर पहले उसको शरारती और असंस्कारी मन ते थे, अब उसके प्रति लोगो की सवेंदना प्रगट होने लगी। दोस्तों हम भी दुसरो के प्रति  बिना उसके बारे में पूरा जाने एक धारना बना लेते है। पर वह ऐसा क्यों कर

help each other

एक    दिन  एक  गरीब    आदमी    एक    सेठ    के  पास    गया    और  उसने    कहा ,   सेठ जी, ' आप  मेरी  2   एकड़ जमीन  रख    लो।'  सेठ  ने  बोला, ' क्या  कीमत    है?'    गरीब  आदमी  बोला, ' ₹50000 ।'  सेठ    थोड़ी  दे र सोचने  लगा    और  फिर  बोला , '  यह    वही    खेत  है  ना  जिसमें  ट्यूबवेल  लगा  है?'  गरीब  आदमी  बोला,   ' हां    आप  मुझे  50000   से    कुछ    कम  भी  देंगे  तो     जमीन    आपको    दे    दूंगा।'    सेठ जी    ने  आंखें  बंद  की  5   मिनट  सोच  कर  कहा,   ' मैं    तुम्हें  उसकी  50,000   नहीं    किंतु  200000   दूंगा।' गरीब    किसान    आश्चर्यचकित  रहे  गया।    उसने    कहा , ' पर    मैं  तो  50000   ही    मांग  रहा  हूं  तो  फिर    आप मुझे  दो  लाख    क्यू  देना    चाहते  हैं?  सेठ  बोला ,  ' तुम  जमीन    क्यों    बेचना    चाहते    हो?'  गरीब    आदमी    ने कहा,   ‘ बेटी  की  शादी  करना    चाहता  हूं    मजबूरी  है  इसलिए  मैं  आपको    य

helping nature is best quality

पुरानी साड़ियों के बदले बर्तनों के लिए मोलभाव करती संपन्न घर की महिला ने अंततः दो साड़ियों के बदले एक टब पसंद किया। नहीं दीदी, बदले में 3 साड़ियों से कम तो नहीं लूंगा बर्तन वाले ने टब को वापस अपने हाथ में लेते हुए कहा। अरे भैया, एक-एक बार की पहनी हुई तो है, बिल्कुल नई जैसी। एक टब के बदले में तो यह  भी ज्यादा है। मैं तो फिर भी दो दे रही हूं। नहीं, नहीं तीन से कम में तो नहीं हो पाएगा, बर्तन वाला फिर बोला। एक दूसरे को अपनी पसंद के सौदे पर मनाने की इस प्रक्रिया के दौरान गृह स्वामिनी क घर के खुले दरवाजे पर देखकर सहसा गली से गुजरते अर्ध विक्षिप्त महिला ने वहां जाकर खाना मागा। आदतन हिकारत से उठी महिला की नजरें उस महिला के कपड़ों पर गई। अलग-अलग कतरनो को गांठ बांधकर बनाई गई उसकी साड़ी उसके युवा शरीर को ढकने का असफल प्रयास कर रहे थे। एक बार उसने मुंह बिचकाया पर सुबह-सुबह की याचक है, यह सोकर अंदर से रात की बची हुई रोटियां मंगवाई और उसे रोटी देकर पलटते हुए उसने बर्तन वाले से कहा, भैया क्या सोचा दो साड़ियों में दे रहे हो या मैं वापस रखलू बर्तन वाले ने उसे इस बार चुपचाप टब पकड़वा दिया पर अपना गट्ठर

आखिर लोग क्यों करते हैं आत्महत्या

   ' यार   एक   बार   तो   कहता ' ।   यह   वाक्य   हम   सब   ने   अभी - अभी बहुत   बार सुना   जब   सुशांत   सिंह   राजपूत   ने   आत्महत्या   की   थी।   यह   वाक्य हम तब   बहुत बोलते   हैं   जब   हमारा   करीबी कोई   आत्महत्या   करता   है।   या   आत्महत्या करने   की   कोशिश   करता   है।   मैं   अक्सर   सोचती   हूं   कि   क्या   जो   आत्महत्या करता   है ,  क्या वह   वाकई   में   किसी   को   कुछ   नहीं   कहता?   अंदर   ही   अंदर घुटता है और   उसके एक   दिन   अपना   जीवन   जो   व्यक्ति   को   सबसे   ज्यादा   प्यारा   होता   है किसी   को   भी   कुछ   भी   कहे   बिना अलविदा    कह देता   है? क्या यह व्यक्ति उसको भी कुछ भी नहीं कहता जो उसके साथ में रहा है? जो उसके या साथ में पला बड़ा है? अपने मां-बाप, अपने भाई-बहन, पत्नी यह रिश्ते हमारे बहुत ही करीब होते हैं, हम सभी लोग कुछ रिश्तो के लिए जीते हैं। क्या यह व्यक्ति उसको भी कुछ नहीं कह पाता? क्या सच में यही सत्य है यह सत्य कुछ और है? जी हां, हो सकता है कि वह व्यक्ति ने अपनों को कुछ कहा हो, पर अपने समझ ना पाए हो या फिर नजरअं

Understand each other

एक   बार   एक   लड़का   अपने   पिता   के   साथ   छोटा   सा   पपी ( कुत्ते का बच्चा )   खरीदने   के   लिए   गया।   वह शॉप   में   पहुंचे   और   दुकानदार   से   कहा   कि   हमें    कुछ   छोटे   से   पपी   दिखाइए   हमें   वह   खरीदना   है। दुकानदार   ने   अपने   शॉप   में   1   केनल   में   छोटे - छोटे   कुत्ते    के बच्चे   रखे   थे   वह   दिखाएं।   वह   बच्चे   बहुत ही   छोटे   और   क्यूट   थे ,   एक   दूसरे   के   साथ     मस्ती   कर   रहे   थे ,   एक   दूसरे   पर    कुद   रहे   थे    और   एक   दूसरे   को   मार   रहे   थे।   वह   अपने   खेल   में   मस्त   थे।   मगर   एक   छोटा   सा   बच्चा   सबसे   अलग लेट   रहा   था।   उस   लड़के   ने   पूछा   कि, “ यह   छोटा   सा   बच्चा   उन   सभी    बच्चों   के   साथ   क्यों   नहीं खेल   रहा   है?”   तब   दुकानदार   ने   कहा, “ उसकी   रीढ़   की   हड्डी   पर   चोट   लगी   है।   वह   कभी   भी   खड़ा नहीं   हो   सकता   है ,   वह   अपनी   जिंदगी   ऐसे   ही   काटेगा।“   बच्चे   ने